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बघेली लोकगीत कजरी | हरी रामा छाई घटा घनघोर बदरिया कारी रे हारी

बघेली-लोकगीत

बघेली लोकगीत कजरी | हरी रामा छाई घटा घनघोर बदरिया कारी रे हारी

बघेली लोकगीत कजरी सावन गीत जिसका बोल है हरी रामा छाई घटा घनघोर बदरिया हमारे बघेलण्ड की सबसे लोकप्रिय कजरी गीत है। जिसे सुनने के बाद तन-मन मस्ती से झूम उठता है।

दोस्ती पर बेस्ट शायरी

दिलचस्प शायरी | Dilchasp Shayari in Hindi

दिलचस्प शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस दिलचस्प शायरी को अपने भाषा में हिंदी वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकते है। या आप इस दिलचस्प शायरियां का इस्तेमाल अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकते हैं। दिलचस्प शायरी हिंदी – Dilchasp Shayari in Hindi,

बसंत का साथ छोड़कर, यौवन चला गया | कविता

इस कविता में एक पिता का अपने युवा पुत्र पंकज सोनी के विछुड़ने (संसार छोड़ जाने) पर अपने वियोग को कैसे व्यक्त करते हैं वो देखिए। बहुत ही दिल भावुक कर देने वाली यह कविता स्वयं उस पिता द्वारा लिखी गई है।

बघेली पहेलियाँ, - Bagheli Paheliyan

बघेली पहेली | Bagheli Paheli | बघेली पहेलियां

पढ़िए मजेदार बघेली पहेली और दोस्तों से पूछिए उनके जवाब क्या उनका उत्तर दे पाते है। Bagheli Paheli अपने रीवा सीधी, सतना सिगरौली आदि बघेलखंड में खूब प्रचलित है। यहाँ के छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे से बहुत पहेली बूझते हैं। और लोगों को भी अपने इन पहेलियों से खूब परेशान करते हैं। आप भी पढ़िए हमारे यहाँ की बघेली पहेलियां

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बघेली पहेलियाँ, - Bagheli Paheliyan

बघेली पहेलियां, किहनी | Bagheli Paheliyan

अपना पचेन का राम राम आजु हम कुछु बघेली पहेलियां प्रस्तुत करे हयन। इया अपने सीधी रीवा मा खूब चलति हय। इहा के छोट-छोट लड़िका बहुतय एक दुसरे पूछत हा अऊ घंटन मनोरंजन होत रहत हय। ता अपनउ पचे पढ़ी अपने इहा केर बघेली पहेली, किहनी

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