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बघेली सुहाग गीत राजा के सोहा गवा | Bagheli Lokgeet

बघेली सुहाग गीत – Bagheli Lokgeet

अरे गोरा बदन मुख चुअइ रे पसीनमा

अरे गोरा बदन मुख चुअइ रे पसीनमा।

अरे नचि का बेनिया डोलाबा मोरी धनिया

अरे नचि का बेनिया डोलाबा मोरी धनिया।

पय गरमी से जिया अकुलाय राजा के सोहगवा।

अरे कइसे का बेनिया डोलाऊ मोरे स्वामी अरे डोलाऊ मोरे स्वामी मड़ये तर आजा आजी ठाड़ राजा के सोहगवा-2

अरे नचि का बेनिया डोलाबा मोरि धनिया – 2

पय गरमी से जिया अकुलाय राजा के सोहागवा।

अरे कइसे के का बेनिया डोलाऊ मोरे स्वामी अरे डोलाऊ मोरे स्वामी अरे मड़ये तर अम्मा बाबुल ठाड़ राजा के सोहागवा -2

अरे नचि का बेनिया डोलाबा मोरि धनिया -2

पय गरमी से जिया अकुलाय राजा के सोहागवा अरे कइसे का बेनिया डोलाऊ मोरे स्वामी अरे डोलाऊ मोरे स्वामी अरे मड़ये तर भइया भाभी ठाड़ राजा के सोहगवा -2

-: समाप्त :-

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1 thought on “बघेली सुहाग गीत राजा के सोहा गवा | Bagheli Lokgeet”

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